सितम्बर मे रहेगा इस राज्यो मे

का असर
बारिश के तीन महीने बीत चुके हैं और इसके बाद भी अभी इसका असर कम नहीं हुआ है। देश भर में इस साल बेहतर बारिश दर्ज की गई है। कहीं-कहीं अतिवृष्टि हुई है। बीता सप्ताह गुजरात सर्वाधिक बारिश से प्रभावित रहा। इससे पहले दक्षिण भारत के राज्यों में जनजीवन प्रभावित हुआ था। अब मौसम के जानकारों का ताजा अनुमान है कि अगले दो से तीन दिनों में कुछ राज्यों में तेज बारिश हो सकती है। स्कायमेटर वेदर का पूर्वानुमान है कि मौसम के बदलते सिस्टम से मध्य भारत के कई शहर प्रभावित हो सकते हैं। यहां जानिये मौसम का हाल।
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और पूर्वी गुजरात के कुछ हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश संभव है। कमज़ोर निम्न दबाव वाले क्षेत्र के प्रभाव में मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात में मध्यम बारिश के साथ-साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश की संभावना है। सिस्टम के लगभग स्थिर रहने की संभावना है। 30 अगस्त से 1 सितंबर, 2024 तक तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में भयंकर बाढ़ का असर रहा। भारी बारिश के कारण काफ़ी नुकसान हुआ। हालात सुधरने के साथ ही राहत अभियान जारी हैं।
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गुजरात
अहमदाबाद, अमरेली, आनंद, अरावली, बनासकांठा, भरूच, भावनगर, बोटाद, छोटा उदयपुर, दाहोद, गांधीनगर, खेड़ा, महेसाणा, महिसागर, नर्मदा, नवसारी, पंचमहल, पाटन के कई स्थानों पर रुक-रुक कर मध्यम से भारी बारिश और तेज हवाओं (40-50 किमी प्रति घंटे) की बारिश जारी रहेगी। अगले 18-24 घंटों के दौरान साबर कांथा, सूरत, सुरेंद्रनगर, तापी, वडोदरा और वलसाड में मौसम बदलेगा।
राजस्थान
मध्यम-भारी बारिश, गरज के साथ बौछारें और तेज़ हवाएँ अगले 4-6 घंटों के दौरान अजमेर, बांसवाड़ा, बाड़मेर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालोर, जोधपुर, कोटा, प्रतापगढ़, राजसमंद, सिरोही, टोंक और उदयपुर में जारी रहेंगी।
महाराष्ट्र
छत्रपति संभाजी नगर, औरंगाबाद, बुलढाणा, बुरहानपुर, धुले, जलगांव, जालना, मुंबई, मुंबई उपनगरीय, नंदुरबार, नासिक, पालघर, पुणे, रायगढ़, रत्नागिरी, सतारा, सिंधुदुर्ग और ठाणे में अगले 4-6 घंटों के दौरान तेज हवाओं (30-40 किमी प्रति घंटे) के साथ हल्की से मध्यम बारिश और गरज के साथ बौछारें जारी रहेंगी।
हरियाणा
अंबाला, भिवानी, चरखी दादरी, फतेहाबाद, हिसार, झज्जर, जींद, कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र, महेंद्रगढ़, पंचकूला, पानीपत, रोहतक, सिरसा, सोनीपत और यमुनानगर में अगले 3-4 घंटों में हल्की-मध्यम बारिश, गरज के साथ छींटे और तेज़ हवाएँ चलेंगी।
बारिश से खेती-किसानी पर क्या हो रहा है असर
इस वर्ष अब तक बेहतर बारिश दर्ज हुई है। सावन माह से जारी बारिश का दौर भादौ में सतत बना हुआ है। लगातार हो रही बारिश से खेतों में जलजमाव और अत्यधिक नमी-गीलापन होने से खरीफ सीजन की फसलों पर अब विपरीत असर भी पड़ने लगा है।
कपास, मक्का, सोयाबीन जैसी फसलें पीली पड़ने, कीट लगने जैसी समस्या से किसानों की चिंता बढ़ने लगी है। इस वर्ष जिले में औसत कोटे के विरुद्ध अब तक 96.74 प्रतिशत बारिश दर्ज की जा चुकी है।
भारतीय किसान संघ के कमलसिंह तोमर ने कहा कि सतत बारिश से फसलों की स्थिति बिगड़ने लगी है। उन्होंने 10 एकड़ में कपास लगाया था। जिसके झेंडे नष्ट हो रहे हैं। मक्का की फसल पीली पड़ रही है। सोयाबीन फसल पर अफलन की स्थिति देखने को मिल रही है। सतत वर्षा से खेतों में जलजमाव हो रहा है।
हालांकि फसलों पर बीमारियां व कीट का प्रकोप नहीं है, लेकिन अधिक बारिश सीधे तौर पर प्रकृति प्रकोप है। किसानों ने कहा कि फसलों के उत्पादन पर असर पड़ेगा। आगामी दिनों में धूप खिलने लगेगी, तो फसलों में कुछ सुधार की उम्मीद है।
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